संत शिरोमणि की भक्त शिरोमणि बेटी-कृपालु जी महाराज और डॉ. विशाखा जी की कृपा गाथा

 

संत जब इस धरती पर अवतार लेकर आते हैं, तो कभी भी अकेले नहीं आते. वे अपने साथ अपने लीला विस्तार और जीवों में कृपा वितरित करने के लिए अपने परिकर-जनों को साथ लेकर आते हैं. आज सारा विश्व मान रहा है कि जिस प्रकार विश्व के पाँचवें मूल जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज ने सनातन धर्म का महानतम ज्ञान जन साधारण को आसान भाषा में उपलब्ध करा दिया, प्रेम मंदिर, भक्ति मंदिर व कीर्ति मंदिर जैसे भव्य मंदिर स्थापित किये और निःशुल्क अस्पतालों, स्कूल, कॉलेज आदि जनता को समर्पित किये, वह संतों में अग्रणी सिद्ध हुए.

जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज के कार्यों को आगे बढ़ाने में उनकी बड़ी पुत्री डॉ. विशाखा त्रिपाठी जी ने प्रमुख भूमिका निभाई और जीवन पर्यन्त अपने पिता एवं गुरु जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज के संकल्पों को साकार करने हेतु अपना तन, मन प्राण समर्पित कर दिया. प्रियजन उनको स्नेह से बड़ी दीदी कहकर सम्बोधित करते हैं.

बड़ी दीदी की निष्ठा से साकार हुआ वृन्दावन का प्रेम मंदिर
जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज ने श्री वृन्दावन धाम में जब प्रेम मंदिर के निर्माण का संकल्प लिया तो बड़ी दीदी ने उसे साकार रूप देने में जी-जान लगा दी. और आज प्रेम मंदिर ब्रज धाम की मुकुट-मणि के रूप में स्थापित है और प्रतिदिन लाखों श्रद्धालुओं को श्री राधा-कृष्ण और श्री सीता-राम के दर्शन का लाभ देते हुए उन्हें भक्ति पथ पर आगे बढ़ा रहा है. https://www.jkp.org.in/sushri-dr-vishakha-tripathi-ji/

ठीक यही बात श्री बरसाना धाम स्थित कीर्ति मंदिर एवं श्री कृपालु धाम मनगढ़ स्थित भक्ति मंदिर के लिए भी कही जा सकती है. बड़ी दीदी ने इन मंदिरों के निर्माण कार्य में न केवल अहम भूमिका निभाई अपितु इनके सुचारु रूप से संचालन हेतु प्रबंधन का कार्यभार भी सँभाला.
बड़ी दीदी की प्रेरणादायक गुरु भक्ति

श्री महाराज जी ने भगवान् का प्रेम प्राप्त करने के लिए निष्काम भक्ति का सीधा और सरल मार्ग बताया. उन्होंने हज़ारों प्रवचनों और दर्जनों ग्रंथों के माध्यम से भक्ति का सिद्धांत लोगों के बीच आसान भाषा में प्रकट कर दिया. इस प्रणाली को क्रियात्मक रूप देने के लिए उन्होंने साधना शिविरों का आयोजन किया और भगवान् की छवि का मन से ध्यान बनाना की रूपध्यान साधना को प्रकट किया.

https://firstindianews.com/news/story-of-kindness-of-saint-shiromani-devotee-shiromani-daughter-kripalu-ji-maharaj-and-dr-vishakha-ji

Comments

Popular posts from this blog

Bhakti Yoga and Divine Love Explained by Jagadguru Ji

Jagadguru Kripalu Ji | Divine Path to Love and Liberation

डॉ. विशाखा त्रिपाठी का निधन: कैसे जगद्गुरु कृपालु जी महाराज की बेटी ने आगे बढ़ाये जन-कल्याण कार्य